इंदौर — महाराजा यशवंतराव (MY) अस्पताल में एक और बड़ा विवाद सामने आया है। अस्पताल के महिला वार्ड में भर्ती मरीजों को कथित रूप से एक्सपायरी तिथि पार कर चुकी डीएनएस (डेक्सट्रोज नॉर्मल सलाइन) की बोतलें दी गई हैं। यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के बाद प्रकाश में आया, जिसके बाद अस्पताल में हड़कंप मचा हुआ है।
क्या हुआ?
मरीज के परिजनों का आरोप है कि उन्हें लगाई गई ड्रिप बोतल पर जो वायल लगी थी, उसकी एक्सपायरी डेट “अगस्त 2025” की थी।
जब इसे देख कर परिजन स्टाफ से बात करना चाहते थे, तो उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला। आरोप है कि उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को शिकायत की, लेकिन स्थिति अब भी गंभीर है।
वायरल वीडियो में दिखाया गया है कि ड्रिप स्टैंड पर लगी बोतल के लेबल पर एक्सपायरी डेट स्पष्ट रूप से लिखी है।
अस्पताल प्रबंधन की प्रतिक्रिया
MY हॉस्पिटल के सुपरीटेंडेंट डॉ. अशोक यादव ने कहा है कि जैसे ही नर्स ने एक्सपायरी डेट देखी, उसने तुरंत दूसरी बोतल मंगवाई और वह पुरानी बोतल हटा दी गई।
उन्होंने दावा किया है कि अस्पतालमध्ये एक्सपायर्ड दवाओं और ड्रिप का उपयोग पूरी तरह से वर्जित है।
अस्पताल में जांच समिति बना दी गई है और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ “सरकारी कार्रवाई” करने की बात कही गई है।
सवाल खड़े
यह पहला मामला नहीं है जब एमवाय अस्पताल पर लापरवाही के आरोप लगे हों। हाल ही में चूहे का मामला भी सामने आया था, जिसमें नवजातों की मौत हो गई थी।
इस घटना से अस्पताल की दवा-प्रबंधन प्रणाली, स्टॉक निगरानी और रोगी सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठे हैं।
मरीजों और उनके परिजनों के दृष्टिकोण से यह भरोसे को तोड़ने वाली घटना है, खासकर ऐसे बड़े सरकारी अस्पताल में जहाँ गरीब और गंभीर रूप से बीमार लोग इलाज के लिए आते हैं।
आगे क्या होगा?
प्रबंधन की जांच समिति से उम्मीद की जा रही है कि वह पूरी पारदर्शिता के साथ घटना की तह तक जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
साथ ही, स्टोर मैनेजमेंट में सुधार करने की मांग उठ सकती है — विशेषकर स्टॉक रोटेशन, एक्सपायरी चेक और नर्सिंग स्टाफ के प्रशिक्षण को लेकर।
मीडिया और जनमानस की नजर इस घटना पर बनी हुई है, और यदि सरकार या अस्पताल प्रशासन ने समय रहते कदम नहीं
उठाए, तो यह मामला और बढ़ सकता है।
